गरीबी इनती कि नदी से सिक्के चुने, बीड़ी-पान भी बेचा, आखिर में बन गया सबसे बड़ा हिंदी का शायर और उर्दू का कवि

Gopaldas Neeraj: गोपालदास नीरज साहित्यिक दुनिया के वो शहंशाह थे जिनके सिर पर ताज तो नहीं था लेकिन उनके ज़रिए लिखी गई रचनाएं उनकी बादशाहत आज तक कायम रखे हुए हैं. आज ही के दिन उन्होंने इटावा में जन्म लिया था. इस मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं. 

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